April 24, 2025

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गुलदार ने नहीं टाइगर ने उतारा था ढकना बडोला गांव की महिला को मौत के घाट कैमरा ट्रैप में टाइगर दिखने से हुई पुष्टि

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गुलदार ने नहीं टाइगर ने उतारा था ढकना बडोला गांव की महिला को मौत के घाट कैमरा ट्रैप में टाइगर दिखने से हुई पुष्टि
चम्पावत। बीते सोमवार को जिला मुख्यालय के निकटवर्ती ग्राम की एक महिला को गुलदार द्वारा मौत के घाट उतारने की जानकारी मिली थी लेकिन घटना में महिला पर हमला करने वाला गुलदार नहीं टाइगर निकला इसकी पुष्टि वन विभाग द्वारा लगाए गए कैमरा से हुई है। इस घटना के बाद से से ग्रामीणों व आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल है। अब टाइगर देखने से वन विभाग के आंकड़े भी झूठे साबित हो रहे हैं जिसमें चंपावत रेंज में टाइगर बाघ की संख्या सून्य दिखाई गई है । वन विभाग की टीम बृहस्पतिवार को जब कैमरा ट्रैप और फुटप्रिंट की जांच कर रही थी इस दौरान उन्हें एक कैमरा ट्रैप में बात की हलचल तथा फोटो दिखाई दी साथ ही फुटप्रिंट में भी पंजे के निशान पाए गए ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार की सुबह करीब नौ बजे रोजाना की तरह ग्राम ढकना बडोला की महिलाएं एकह​थिया नौला के समीप स्थित जंगल में जानवरों के लिए चारा पत्ती लाने गई थीं। दोपहर के वक्त टाइगर ने झपट्टा मारते हुए ढकना निवासी रमेश सिंह नरियाल की 35 वर्षीय पत्नी मीना देवी को दबोच लिया और उसे घसीटते हुए अपने साथ ले गया। इसके साथ ही महिलाओं में चीख पुकार मच गई। उसी जंगल में एक ग​डरिया अपनी भेड़ों के साथ रुका हुआ था। महिलाओं की चीख सुन गडरिया व आसपास मौजूद अन्य लोग उस ओर भागे। गडरिया के कुत्तों के भोंकने और लोगों का शोरगुल करने पर गुलदार महिला को छोड़ कर भाग गया। घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे। जानकारी होते ही साथ ही वन विभाग व राजस्व विभाग की टीम ने घटना स्थल पर पहुंच शव कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम को भिजवाया। महिला का शव वन विभाग ने ढकना की सीमा पर वन पंचायत बलाई के झड़पतिया इलाके से बरामद किया। वन क्षेत्राधिकारी हेम चंद्र गहतोड़ी ने बताया कि एक कैमरा ट्रैप में टाइगर की हलचल देखी गई है जहां टाइगर दिखा है वहां पर पिंजरा लगाया गया है। वन विभाग की टीम में गुरुवार को दरोगा चतुर सिंह महरा, करम सिंह, वन ​बीट अधिकारी हरीश जोशी, उमेश भट्ट, दिनेश चंद्र, वहीं राजस्व विभाग की ओर से राजस्व उप निरीक्षक राजीव मेहरा, पीआरडी जवान मोहन भट्ट आदि शामिल रहे।
टनकपुर नंधौर वन्यजीव अभयारण्य के वन्य जीव के विशेषज्ञ सौरभ कलखुड़िया ने बताया कि चंपावत मुख्यालय में जिम कॉर्बेट ने नरभक्षी बाघिन का शिकार किया था अस्कोट में भी हाल ही में बाघ देखने की जानकारी मिली है ढकना बडोला के जंगलों में बाघ दिखना कोई आश्चर्यजनक घटना नहीं है उन्होंने कहा कि यह पर्यावरण की दृष्टि से एक अच्छा संकेत भी है पूर्व में जो बाघों की संख्या घट गई थी वह अब बढ़ गई है बाघ मानसून में प्रणय करते हैं तथा आजकल नंधौर में उनके सावक अक्सर बाघिन के साथ दिखते हैं।

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