श्रीगुरुगोरखनाथ मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले योगी रामनाथ ।
नाथ संप्रदाय का प्राचीन एवं ऐतिहासिक मठ है श्रीगुरुगोरखनाथ।
चंपावत। तल्लादेश के सघन वनों के बीच स्थित श्रीगुरुगोरखनाथ मंदिर नाथ संप्रदाय का प्राचीन एवं ऐतिहासिक मठ रहा है जहां शताब्दियों से अखंड “धुना” जलता रहा है। आज भले ही इस स्थान में पहुंचने के लिए पैदल दूरी मात्र डेढ़ किलोमीटर की रह गई है। लेकिन जब यह क्षेत्र सड़क सुविधाओं से पूरी तरह वंचित था तब श्री गोरखनाथ मठ के अनुयाई यहां लंबी पैदल दूरी तय कर पहुंचते थे आज यहां पहुंचना काफी आसान हो गया है। यहां शताब्दियों से जल रही अखंड “धुना” में श्रद्धालु लकड़ी डालकर अपनी मनोकामनाएं पुरी करते आ रहे हैं। इस बीच योगी रामनाथ द्वारा श्रीगुरुगोरखनाथ मठ की जिम्मेदारी अपने हाथ में लेने के बाद यहां धार्मिक एवं सामाजिक गतिविधियों व अनुष्ठान होते आ रहे हैं। नाथ संप्रदाय के लोग योगी आदित्यनाथ को अपना गौरव मार्गदर्शक एवं प्रणेता मानते आ रहे हैं। नाथ समुदाय के लोग देश के कोने-कोने एवं नेपाल में बड़ी संख्या में फैले हुए हैं जो योगी आदित्यनाथ को अपना गुरु मानते आ रहें हैं। हालांकि योगी आदित्यनाथ भले ही उप्र जैसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री हैं। लेकिन नाथ संप्रदाय ने उन्हें जिस मठ की गद्दी में आसीन कराया है, इस पद के सामने मुख्यमंत्री का पद कोई मायने नहीं रखता है। इस बात का उल्लेख स्वयं योगी जी ने मुख्यमंत्री पद संभालते हुए भी कही थी। क्षेत्रीय लोगों एवं नाथ संप्रदाय की भावनाओं को देखते हुए योगी रामनाथ जी ने लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यहां आने का आमंत्रण दिया तथा श्रीगुरुगोरखनाथ मठ की महत्व एवं अन्य जानकारियां दी। मालूम हो कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी चंपावत में अपने उपचुनाव की शुरुआत गुरु गोरखनाथ मठ के दर्शन एवं उनके आशीर्वाद से की, जहां से उन्हें ऐतिहासिक जीत का आशीर्वाद मिला था।
फोटो – लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलते गुरु गोरखनाथ मंदिर के मठाधीश योगी रामनाथ।
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