चंपावत। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी चंपावत जिले को आदर्श जिला बनाने की कवायद कर रहे हैं । लेकिन जिले की गर्भवती महिलाओं को जिले के बड़े अस्पतालों में इलाज नहीं मिल रहा है। बाराकोट ब्लॉक के बर्दाखान रैघाड़ी निवासी 25 वर्षीय गर्भवती महिला चांदनी अधिकारी को अत्यधिक प्रसव पीड़ा होने पर उनके पति कुंदन सिंह उन्हें उप जिला चिकित्सालय लोहाघाट ले गए जहां से उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया ।
जिला अस्पताल से भी गाइनेकोलॉजिस्ट नहीं होने की वजह से गर्भवती महिला को रेफर कर दिया गया। परिजनों ने विवस होकर गर्भवती महिला को चंपावत के निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसका सामान्य प्रसव हुआ।
पति कुंदन ने आरोप लगाया कि महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के सरकार के सारे दावे धरातल पर फैल हैं। उन्होंने बताया कि निजी अस्पताल में सामान्य प्रसव हुआ लेकिन जिले के बड़े अस्पतालों में किसी ने भी इलाज नहीं दिया इलाज में ₹30000 तक खर्चा आ चुका है।
पीएमएस पीएस खोलिया ने बताया कि गर्भवती महिला का ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ था ऐसे में अत्यधिक रक्तस्राव होने का खतरा रहता है और गाइनेकोलॉजिस्ट की अत्यंत आवश्यकता होती है जिला अस्पताल में वर्तमान में गाइनेकोलॉजिस्ट नहीं है।
जिला अस्पताल में पूर्व में दो गाइनेकोलॉजिस्ट की तैनाती थी लेकिन दोनों ने अपनी सेवाएं देनी बंद कर दी है जिससे चंपावत जिले के किसी भी अस्पताल में अब गाइनेकोलॉजिस्ट नहीं है जटिल प्रसव के मामले में गर्भवती महिलाओं को रेफर किया जा रहा है। स्वास्थ्य निदेशालय से अल्मोड़ा की गाइनेकोलॉजिस्ट को चंपावत जिला अस्पताल ज्वाइन करने के लिए निर्देशित किया गया था लेकिन उन्होंने अभी तक ज्वाइन नहीं किया है।
जिले के तीन सरकारी अस्पतालों से रेफर गर्भवती का चंपावत के ही प्राइवेट अस्पताल में सुरक्षित प्रसव हुआ

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