चंपावत। जिले के ग्रामीण इलाकों में अपने पैर पसारता कोरोना संक्रमण स्वास्थ्य विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बना है। विभागीय टीमें दूरस्थ गांवों में जांच कर रहीं हैं। जिले में 5000 से अधिक प्रवासी लौट तो चुके है पर वह संस्थागत क्वारंटीन के बजाय घरों में आइसोलेट हैं।
इस दौरान बरती हुई लापरवाही के कारण गांवों में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। कोविड-19 के नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ. इंद्रजीत पांडेय ने बताया कि जिले में 1816 लोग होम आइसोलेट हैं। इनमें से करीब 1500 लोग गांवों में रह रहे हैं।
इस दौरान बरती हुई लापरवाही के कारण गांवों में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। कोविड-19 के नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ. इंद्रजीत पांडेय ने बताया कि जिले में 1816 लोग होम आइसोलेट हैं। इनमें से करीब 1500 लोग गांवों में रह रहे हैं।
जिले के कोविड अस्पताल, कोविड केयर सेंटरों और निजी अस्पतालों में 41 संक्रमितों का उपचार चल रहा है। जिले के सीमांत स्वांला में 47, बकोड़ा में 27, बेलखेत में 27, सौराई में 23, बचकोट में 21, चल्थी में 13 लोग होम आइसोलेट हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी संक्रमितों तक कोविड किट पहुंचाना चुनौतीपूर्ण है।
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