कठपुतली नृत्य के जरिए वानाग्नि को लेकर जागरूक किया
चम्पावत। वन विभाग ने वानाग्नि की घटनाओं की रोकथाम के लिए बघेड़ी,बस्तिया, मझेड़ा,नायल,पत्थर मौन आदि क्षेत्रों में कठपुतली नृत्य के जरिए लोगों को जागरूक किया। राजस्थान से आए कठपुतली कलाकारों द्वारा लोगों को वनों में लगने वाली आग के विषय में जागरूक किया। डिप्टी रेंजर चतुर सिंह ने बताया कि कठपुतली नृत्य के जरिए लोगों को जंगल से होने वाले लाभ, आग लगने से गांव, उनके आसपास के जंगल, पानी, हवा और उनकी आजीविका पर पड़ने वाले असर की रोचक अंदाज में जानकारी दी गई। डीएफओ कांडपाल ने बताया कि जिले के 200 संवेदनशील गांवों में कठपुतली के माध्यम से लोगों को वनों के प्रति संवेदनशील बनाया जाएगा। जिले में 2022 में आग लगने की 80 घटनाएं हुई थी जो पिछले कई सालों में सर्वाधिक है। इसमें 52.25 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुए है
इस दौरान रेंजर बृजमोहन टम्टा और डिप्टी रेंजर चतुर सिंह के नेतृत्व में ईश्वरी देवी, डिगर देव, लीला देवी,हरि जोशी, दिनेश दानू आदि लोग मौजूद रहे।
कठपुतली नृत्य के जरिए वानाग्नि को लेकर जागरूक किया

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