जब विभाग ने न सुनी तो ग्रामीणों ने श्रमदान कर सड़क खोली
लोहाघाट। गल्लागांव-देवलीमाफी मार्ग पर जब विभाग ने न सुनी तो ग्रामीणों ने श्रमदान कर वैकल्पिक मार्ग बनाया। इस दौरान लोगों ने विभाग से जल्द मुख्य मार्ग खोलने की मांग उठाई।
गुरुवार को सेरी कनियाना के संजय कुमार ने बताया कि बीते 4 जुलाई से गल्लागांव-देवलीमाफी सड़क पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। उन्होंने बताया कि पीएमजीएसवाई के अभियंताओं को पूर्व में सूचित भी कर दिया था, जिसमें विभाग ने जेसीबी तो भेजे लेकिन अब तक मार्ग नहीं खुल पाया। मार्ग न खुलने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। जिसमें उन्होंने कनियान सेरी से ढटीगांव होते हुए देवलीमाफी तक पर वैकल्पिक मार्ग बनाया। जिसमें गांव के सभी युवाओं ने श्रमदान किया। पीएमजीएसवाई के अभियंता गोपाल कालाकोटी ने बताया कि जेसीबी की मदद से मार्ग को खोलने का प्रयास लगातार जारी है। श्रमदान करने वालों में संजय कुमार, नवीन चन्द्र, भुवन प्रसाद,नाथू विश्कर्मा, राजू, दिवान, निर्मल, सचिन, नीरज, रोहित कुमार, रवि शंकर, कैलाश राम, धीरज आदि ग्रामीण मौजूद रहे।
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क्वारकोली-पाड़ासौंसरे मार्ग में भी लोगों ने श्रमदान किया
लोहाघाट। बाराकोट में क्वारकोली से पाड़ासौंसेरा में भी पीएमजीएसवाई की सड़क 4 जुलाई से बंद पड़ी है। लोगों ने विभाग का इंतजार न करते हुए खुद श्रमदान कर सड़क को आवागमन के लायक बनाया। गांव के जागरुक युवा मनोज तिवारी ने बताया कि कई बार विभाग को सूचित कर दिया है, लेकिन अब तक इस पर कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हो पाई है। जिस कारण उनको खुद श्रमदान कर सड़क खोलने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस मौके पर हरीश सिंह, नरेश सिंह, दिनेश नाथ, मदन सिंह, गोपाल सिंह, हरीश नाथ, ललित, सुरेश नाथ आदि रहे।
फोटो।
परिचय। गल्लागांव-देवलीमाफी सड़क बंद होने पर लोगों ने वैकल्पिक मार्ग में श्रमदान कर आवागमन के लिए रास्ता बनाया।
फोटो
परिचय। बाराकोट के क्वारकोली-पाड़ासौंसेरा मार्ग को खोलने के लिए लोगों ने श्रमदान किया।
लोहाघाट। गल्लागांव-देवलीमाफी मार्ग पर जब विभाग ने न सुनी तो ग्रामीणों ने श्रमदान कर वैकल्पिक मार्ग बनाया। इस दौरान लोगों ने विभाग से जल्द मुख्य मार्ग खोलने की मांग उठाई।
गुरुवार को सेरी कनियाना के संजय कुमार ने बताया कि बीते 4 जुलाई से गल्लागांव-देवलीमाफी सड़क पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। उन्होंने बताया कि पीएमजीएसवाई के अभियंताओं को पूर्व में सूचित भी कर दिया था, जिसमें विभाग ने जेसीबी तो भेजे लेकिन अब तक मार्ग नहीं खुल पाया। मार्ग न खुलने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। जिसमें उन्होंने कनियान सेरी से ढटीगांव होते हुए देवलीमाफी तक पर वैकल्पिक मार्ग बनाया। जिसमें गांव के सभी युवाओं ने श्रमदान किया। पीएमजीएसवाई के अभियंता गोपाल कालाकोटी ने बताया कि जेसीबी की मदद से मार्ग को खोलने का प्रयास लगातार जारी है। श्रमदान करने वालों में संजय कुमार, नवीन चन्द्र, भुवन प्रसाद,नाथू विश्कर्मा, राजू, दिवान, निर्मल, सचिन, नीरज, रोहित कुमार, रवि शंकर, कैलाश राम, धीरज आदि ग्रामीण मौजूद रहे।
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क्वारकोली-पाड़ासौंसरे मार्ग में भी लोगों ने श्रमदान किया
लोहाघाट। बाराकोट में क्वारकोली से पाड़ासौंसेरा में भी पीएमजीएसवाई की सड़क 4 जुलाई से बंद पड़ी है। लोगों ने विभाग का इंतजार न करते हुए खुद श्रमदान कर सड़क को आवागमन के लायक बनाया। गांव के जागरुक युवा मनोज तिवारी ने बताया कि कई बार विभाग को सूचित कर दिया है, लेकिन अब तक इस पर कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हो पाई है। जिस कारण उनको खुद श्रमदान कर सड़क खोलने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस मौके पर हरीश सिंह, नरेश सिंह, दिनेश नाथ, मदन सिंह, गोपाल सिंह, हरीश नाथ, ललित, सुरेश नाथ आदि रहे।
फोटो।
परिचय। गल्लागांव-देवलीमाफी सड़क बंद होने पर लोगों ने वैकल्पिक मार्ग में श्रमदान कर आवागमन के लिए रास्ता बनाया।
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परिचय। बाराकोट के क्वारकोली-पाड़ासौंसेरा मार्ग को खोलने के लिए लोगों ने श्रमदान किया।
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