
शुक्रवार को मंबई से आए पंजाब रिन्यूवेल इनर्जी सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के एसोसिएट वायस प्रेसिडेंट अनुराग वेद प्रकाश वर्मा ने बताया कि पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए उनकी संस्था बीते 12 साल से काम कर रही है। जिसके चलते उन्होंने सीएमडी रिटायर्ड ले. कर्नल मोनीश आहूजा के दिशा निर्देशन पर उनकी संस्था की ओर से बनाए गए बॉयोमास ब्रिकेट्स का प्रयोग महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली, गोवा आदि राज्यों के श्मशान घाटों में शवदाह में किया जा रहा है। जिसके चलते संस्था यूपी और उत्तराखंड में इसके प्रयोग के लिए कार्यरत है। जिसमें उन्होंने प्रथम चरण में चम्पावत के पंचेश्वर घाट को चुना हैं। जहां पर एक स्टील का पायर लगा दिया गया है। जिसके तहत बॉयोमास ब्रिकेट्स से शवदाह किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जहां एक ओर लकड़ी से शवदाह पर करीब चार से पांच कुंतल लकड़ी की खपत होती है, वहीं ढाई सौ किलो बॉयोमास ब्रिकेट्स से शवदाह हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके बॉयोमास की उपयोगिता को देखते हुए कई राज्यों के प्रदूषण बोर्ड ने पालिकाओं को बॉयोमास के प्रयोग के लिए दिशा निर्देशित किया है। एसोसिएट वायस प्रेसिडेंट अनुराग वेद प्रकाश वर्मा ने बॉयोमास के प्रयोग से पर्यावरण सुरक्षित रहने के साथ पेड़ों का दोहन नहीं हो पाएगा, भूखस्खलन को रोकने में सहायक और किसानों को अतरिक्त आय की आमदमी हो सकेगा। वहीं सरपंच भवानी देवी, सरपंच प्रतिनिधि गोपाल सिंह, युवक मंगलदल अध्यक्ष कमल सिंह सामंत, गणेश सिंह आदि ने बॉयोमास ब्रिकेट्स की पहल को सराहनीय बताया।
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