May 30, 2025

आम जनता की आवाज

सच का सारथी

36वी वाहिनी के तीन दिनी भ्रमण के दौरान डीआईजी ने बढ़ाया हिमवीरों का हौसला

बर्फ से ढकी पहाड़ीयो एवं रेगिस्तान की तपतपाती गर्मी के बीच तपतपाने के बाद ही बनता है “हिमवीर” – डीआईजी

आईटीबीपी की 36वी वाहिनी के तीन दिनी भ्रमण के दौरान डीआईजी ने बढ़ाया हिमवीरों का हौसला।

लोहाघाट। हिमवीर वर्दी पहनने के साथ उनमे ऐसा जुनून पैदा हो जाता है की उनके सामने दिखाई देता है केवल और केवल “राष्ट्र” व उसकी आन-बान-शान की रक्षा व सुरक्षा का महान दायित्व चाहे वो राजस्थान की तपती हुई गर्मी हो या हिमालय की बर्फ से ढकी पहाड़ियों के बीच, जीते हुए सीमाओं की रक्षा करना हमारे खून में मिला हुआ है।
इसीलिए विषम परिस्थितियों के बीच हंसते हुए देश की रक्षा पंक्ति को मजबूत करने के लिए ही हमें “हिमवीर” कहा जाता है। यह बात आईटीबीपी के डीआईजी रवि कुमार ने भारत तिब्बत सीमा पुलिस की 36वी वाहिनी के तीन दिनी निरीक्षण के दौरान आकर्षक परेड की सलामी लेने के बाद कहीं। उनका कहना था कि इन्हीं भावनाओं से कार्य करते हुए हिमवीरो को राष्ट्र की सेवा के लिए जो भी जोखिम भरे टास्क मिलते रहे हैं, उस कसौटी में वे पूरी तरह खरे उतरे हैं। परेड का संचालन सहायक सेनानी प्रिंस दत्ता ने किया। डीआईजी ने बटालियन के डेमो स्टेशन, भंडार गृह, बैरखो, मेस, एमटी आदि का निरीक्षण करने के बाद हिमवीरों से सीधा संवाद किया। कहा हिमवीर वाइब्स वेलफेयर एसोसिएशन हिमवीरो के परिवारों का ऐसा संगठन है, जहां बड़े से बड़ा अधिकारी एक हिमवीर की जीवनसाथी को पहले हाथ जोड़कर उन्हें सम्मान देना हमारे संस्कारों में शामिल है। पाकिस्तान को धूल चटाने वाले हालिया ऑपरेशन में हमारे देश के सैनिकों ने अपनी वीरता की जो नई इबादत लिखी है, उसे देखते हुए सामाजिक जीवन में सैनिकों एवं उनके परिवारों के प्रति जो सम्मान का भाव देखने को मिला है, उससे हमारी शक्ति कई गुना बढ़ गई है।
डीआईजी का कहना था कि जब सारा देश सोए रहता है, तो हम जागते हुए उनकी रक्षा और देश की सीमाओं की सुरक्षा करते है। सीमा से लगे गांवो के लोग बगैर वर्दी के हमारे हिमवीर परिवार के सदस्य है। अब हमारे उच्चाधिकारियों की यह पहल कि सीमावर्ती गांवो के लोगों के सभी उत्पाद आइटीबीपी खरीदेगा, इसके लिए उन्हें आईटीबीपी द्वारा विभिन्न कार्यो का प्रशिक्षण भी दिलाया जा रहा है। इस अवधारणा से सीमावर्ती लोगों को नया रोजगार व सहारा मिलने का असर यह हो रहा है कि यहां से पलायन कर चुके लोग पुनः अपनी माटी से जुड़ने जा रहे हैं। इस कार्यक्रम को अब सेना द्वारा भी अपनाया जा रहा है। डीआईजी ने हिमवीरो को सदा चौकस रहने का निर्देश देते हुए कहा कि हमने अपने को यह सोचकर सजग रखना है की दुश्मन हमेशा हमारे सामने खड़ा है। इससे पूर्व कमांडेंट संजय कुमार, द्वितीय कमान अधिकारी बेगराज मीणा, डॉ सूबे सिंह, उप सेनानी राजकुमार बोहरा,नारायण सिंह, डॉ सुरभि, डॉ अचरा एवं एसीपी बीएस मेहता आदि अधिकारियों ने पारंपरिक रूप से डीआईजी का स्वागत किया।

फोटो- आइटीबीपी में भव्य परेड की सलामी लेते एवं हिमवीरो से सीधा संवाद करते डीआईजी रवि कुमार साथ में कमांडेंट संजय कुमार।

शेयर करे