वन विभाग के मंथन सभागार में डीएफओ नवीन पंत ने की प्रेस वार्ता
…. वन पंचायत में लगने वाली आग की घटनाओं को भी वन विभाग बुझाने में सहयोग करेगा
…. डीएफओ ने मीडिया कर्मियों से लिए वनाग्नि से निपटने को लेकर सुझाव
चंपावत।
वनाग्नि कारण और निवारण
सजग नागरिक,सुरक्षित जंगल को लेकर मंथन कार्यालय में प्रेस वार्ता संपन्न
चंपावत। प्रभागीय वनाधिकारी मंथन सभागार में डीएफओ नवीन पंत ने वनाग्नि को लेकर प्रेस वार्ता की इस दौरान उन्होंने बताया कि आपसी सहभागिता से वनों में लगने वाली आग को बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि वन विभाग फायर लाइन खींचने का कार्य कर रहा है। साथ ही फायर वाचारों की तैनाती क्रू स्टेशन बनाए जा रहे हैं । वनों में लगने वाली आग को कैसे नियंत्रित किया जाए इसको लेकर सुझाव मांगे साथ ही शीतला खेत मॉडल के विषय में जानकारी दी गई। पीरूल के निस्तारण और उसे बहु उपयोगी वस्तुएं बनाने पर चर्चा की।
कार्यक्रम में ग्रीष्मकाल में जंगलों को आग से बचाव के लिए जन-जागरूकता के साथ वन पंचायतों एवं ग्रामीणों को जंगलों से जोड़ने के प्रयास पर जोर दिया गया। संवाद में यह तथ्य प्रमुख रूप से उभरा कि जब तक जंगल से जनता का जुड़ाव स्थापित नहीं होगा, जंगल जलने की घटनाओं पर काबू पाना मुश्किल होगा।
पौधारोपण जब जंगलों के आसपास रहने वाले लोगों की जरूरत के अनुरूप न होकर बाजार के अनुरूप होगा, तो वन और जन जुड़ाव प्रभावित होगा। वक्ताओं ने जंगल बचाने के लिए सराहनीय प्रयास करने वाली वन पंचायतों को प्रोत्साहित करने और हर वनाग्नि काल में एक-दो जंगल को आदर्श के रूप में विकसित करने पर जोर दिया। इसके अलावा आग लगाने वालों पर सख्ती करने, जंगल से पुराने पेड़ों की निकासी एवं नीलामी में पंचायत के जरूरतमंद को प्राथमिकता देने को कहा गया। बताया कि इस बार सिविल व पंचायती वन क्षेत्र में भी क्रू स्टेशन बनाए हैं। पिछले वर्ष तक 54 क्रू स्टेशन होते थे, इस बार 76 क्रू स्टेशन से जंगलों की आग पर नजर रखने के साथ वनाग्नि नियंत्रण का प्रयास रहेगा। बताया गया कि अब पंचायती वनों में आग लगने की घटनाओं को दैवीय आपदा की श्रेणी में शामिल किया जाएगा। आरक्षित वन क्षेत्र के अलावा पंचायती वनों में आग लगने की सूरत में IRS सिस्टम प्रभावी होगा। अब तक वनों में आग लगने की घटनाओं को दैवीय आपदा की श्रेणी में नहीं रखा था।
इस मौके पर उप प्रभागीय वनाधिकारी नेहा सौन, रेंजर हिमालय टोलिया, कैलाश गुणवंत, रमेश जोशी, आरके जोशी, वरिष्ठ पत्रकार चंद्रशेखर जोशी, गणेश पांडे, जगदीश राय,नवल जोशी, गौरीशंकर, पंकज पाठक, गिरीश सिंह बिष्ट, योगेश जोशी, गणेश पांडे समेत तमाम पत्रकार मौजूद रहे।
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