चंपावत। चंपावत वन प्रभाग के अंतर्गत पहली बार बारातीयों की वजह से जंगल में आग लगाने का मामला प्रकाश में आया है जिसमें वन विभाग ने वन अधिनियम में मामला भी दर्ज कर लिया है।
25 अप्रैल को कांडा गांव से
सूरज सिंह भण्डारी, पुत्र गंगा सिंह भण्डारी की
बारात सल्ली-कुकडोनी पैदल मार्ग से होते हुए ग्राम कुकडोनी पहुँची।
ग्राम कुकडोनी में बबीता, पुत्री पुष्कर सिंह बिष्ट के साथ विवाह तय था। ग्राम कांडा से इस अवसर पर प्रभाग की ओर से वन आरक्षी बलवंत भण्डारी पौधे लेकर जनजागरूकता हेतु विवाह स्थल जा रहे थे। मार्ग में उन्होंने देखा कि नीचे वन क्षेत्र में आग लगी हुई है। उनके द्वारा तत्काल वन क्षेत्राधिकारी, चंपावत को सूचना देते हुए वनाग्नि नियंत्रण का प्रयास किया गया।
प्रथम दृष्टया बारात द्वारा वन क्षेत्र से गुजरने के दौरान वनाग्नि की घटना को अंजाम देना प्रकाश में आया। जिस कारण सल्ली वन पंचायत एवं सल्ली आरक्षित वन भूमि में 14 हेक्टर क्षेत्र वनाग्नि से प्रभावित हुआ है। जिसमें जीव जंतु और वन संपदा को नुकसान पहुंचा। इस संबंध में भारतीय वन अधिनियम, 1927 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत वन अपराध पंजीकृत किया जा रहा है।
जाँच उपरांत वास्तविक दोषियों के विरुद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। डीएफओ नवीन पंत ने बताया कि चंपावत वन प्रभाग के अंतर्गत बारात की लापरवाही से वनाग्नि के कारण यह प्रथम अपराध पंजीकृत किया जा रहा है।
साथ ही उन्होंने आम जनता से अपील करते हुएकहा कि परिवारों में विवाह अथवा अन्य समारोह आयोजित हो रहे हों, आनन्दोत्सव के साथ हर्षोल्लास के अतिरिक्त वनाग्नि दुर्घटनाओं से बचने का प्रयास किया जाना आवश्यक होगा। उन्होंने कहा कि वैधानिक कार्यवाही किया जाना विभागीय बाध्यता है ना कि जनसामान्य के मांगलिक आयोजनों में बाधा डालना।
वन सभी के हैं। अतः सभी का कर्तव्य है कि मिलकर इन्हें सुरक्षित रखें।
प्रायः देखा गया है कि पर्वतीय क्षेत्रों में विवाह समारोहों के दौरान बारात द्वारा आतिशबाजी अथवा लापरवाही के कारण वनाग्नि की घटनाएँ घटित होती हैं। वर्तमान वनाग्निकाल के दौरान चंपावत वन प्रभाग द्वारा एक विशेष जनजागरूकता मुहिम चलाई जा रही है। जिसके अंतर्गत प्रभाग क्षेत्र में आयोजित प्रत्येक विवाह समारोह में नव दम्पत्ति को पौधा भेंट स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। नव दम्पत्ति द्वारा बनों की सुरक्षा के संकल्प के साथ पौधे का रोपण किया जा रहा है। इस मुहिम का उद्देश्य जनभागीदारी से वनाग्नि नियंत्रण में सहयोग प्राप्त करना है।
More Stories
शिमला से टनकपुर आने वाली रोडवेज बस में जहरखुरान ने दो यात्रियों को लूटा
पहलगाम में आतंकी हमले के विरोध में मुस्लिम समुदाय के व्यापारियों में भारी आक्रोश पाकिस्तान का पुतला दहन किया
सुरक्षा दीवार के लिए लोनिवि के पास बजट नहीं, दुधपोखरा सड़क में भूस्खलन से आवासीय भवन को खतरा