June 8, 2025

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मारपीट व दहेज उत्पीड़न के मामले माता-पिता समेत पुत्र बरी

मारपीट व दहेज उत्पीड़न के मामले माता-पिता समेत पुत्र बरी
– आरोपों को साबित नहींहो पाए
चंपावत। दहेज उत्पीड़न के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट चम्पावत की अदालत ने मारपीट व दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धाराओं में आरोपी पिता पुत्र व माता को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया है। बताते चलें कि वादी भूमि अधिकारी का विवाह दिनांक- 14/12/2017 को काकड़ बाराकोट निवासी सूरज सिंह अधिकारी के साथ विवाह हुआ था। वादी भूमि अधिकारी ने सूरज सिंह अधिकारी, उसके पिता प्रहलाद सिंह अधिकारी तथा हीरा देवी पर मारपीट सहित देहज मांगने तथा दहेज के लिए प्रताड़ित करने के लिए मामला दर्ज किरवाया था। लोहाघाट थाना पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा- 323, 504, 506, 498ए एंव 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के तहत मामला दर्ज करवाया गया था। वादी भूमि अधिकारी ने आरोपियों पर दहेज के रूप में वाहन कार 5,00,000 (पॉच लाख), रूपए नकदी व 05 तोला सोने के जेवरात की मांग करने का आरोप लगाया था। मामले में अभियोजन की ओर से 7 गवाह पेश किए गए तथा बचाव पक्ष ने अपने बचाव में दो गवाहों को न्यायालय में पेश किया गया। अभियोजन व बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं के बीच हुई जोरदार बहस में बचाव पक्ष के अधिवक्ता भास्कर चन्द्र मुरारी ने अभियुक्तगणों का पक्ष काफी दमदार तरीके से रखा गया। जिसके बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट चम्पावत जहॉ आरा अंन्सारी ने मामले का फैसला सुनाते हुए संदेह का लाभ देते हुए तीनों आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया गया। बचाव पक्ष की ओर से एडवोकेट मनोज कुमार राय द्वारा भी पैरवी की गई।

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