*स्वामी विवेकानंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय लोहाघाट में संपन्न हुआ दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार
चंपावत।
स्वामी विवेकानंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय लोहाघाट में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का विधिवत समापन हो गया है। इस सेमिनार में विशेषज्ञों ने जी आई टैग पर आधारित विभिन्न शोध पत्रों को प्रस्तुत करते हुए इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो संगीता गुप्ता ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए भविष्य में भी इस तरह के आयोजन करने हेतु प्रतिबद्धता व्यक्त की।
उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट ), देहरादून के महानिदेशक प्रो दुर्गेश पंत ने कहा कि चम्पावत जिले में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि चम्पावत के कई स्वरोजगार ने अपनी पहचान देश भर में बनाई है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में आए प्रो रविशेखर, निदेशक एमएमआरडी , जे एन यू, यूजीसी ने बताया कि जी आई टैग एक प्रकार का सम्मान का प्रतीक है जो उत्पाद को हाई वैल्यू देता है।
गेस्ट ऑफ हॉनर प्रो के के पांडेय, प्राचार्य, राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय, बाजपुर ने कहा कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं है। अतः अपने लुप्त हो रही संस्कृति को संभालना हमारा उत्तरदायित्व है। अपने पारंपरिक उत्पादों को जी आई टैग दिलाकर उनका संरक्षण किया जा सकता है।
बीज वक्ता प्रो सी डी सूंठा ने अपने व्याख्यान में भौगोलिक संकेतक को बौद्धिक संपदा अधिकार का विशेष अंग बताते हुए कहा कि उत्पादों के संरक्षण के लिए जी आई टैग एक बेहतर माध्यम है।
प्रो मनोज पांडेय, रुद्रपुर ने अपने व्याख्यान में बताया कि भारतीय ज्ञान परम्परा इतनी समृद्ध है कि भारत के हर राज्य से अनेक जी आई टैग प्राप्त कर आर्थिक विकास में इजाफा किया जा सकता है।
द्वितीय दिवस में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित भारत सरकार में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के परीक्षक, यासिर अब्बास जैदी ने जी आई के महत्व पर सारगर्भित व्याख्यान दिया।
मंच संचालन डॉ सोनाली कार्तिक ने किया।
कार्यक्रम के अन्त में सेमिनार के आयोजक डॉ बी पी ओली ने सभी शोध पत्रों के सार को प्रस्तुत करते हुए इस सेमिनार के वैशिष्ट्य को व्यक्त किया,
सेमिनार के धन्यवाद ज्ञापन के लिए आर्गेनाइजिंग सचिव डॉ अर्चना त्रिपाठी ने इस कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी आगंतुकों का हृदय से धन्यवाद किया,
इस सेमिनार में ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में कुल 86 शोधपत्रों का वाचन किया गया।
इस सेमिनार में गुरुकुल कांगड़ी के प्रो मयंक अग्रवाल, प्रह्लाद अधिकारी, नई दिल्ली से प्रेम सिंह बिष्ट, रुहेलखंड विश्विद्यालय, बरेली से सूरज शर्मा, गैरसैंण से प्रतिभा नेगी, बेरीनाग से कल्पना, देवीधुरा से पूजा लोहिया, चम्पावत से पूनम व रीता पांडेय, सहित अनेक शोधार्थियों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर डा लता कैडा, डा अपराजिता, डा कमलेश शक्टा, डा रुचिर जोशी, डा महेश त्रिपाठी, डा रवि सनवाल, डा भगत लोहिया, डा नीरज काण्डपाल, डा दीपक जोशी, डा बंदना चंद, श्रीमती चंद्रा जोशी सहित अनेक छात्र छात्राएं मौजूद रहे।
जीआई टैग उत्पाद को हाई वैल्यू देता है, पीजी कॉलेज लोहाघाट में संपन्न हुआ दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार

More Stories
गुरुद्वारा रीठासाहिब में जोड़ मेले का सोमवार को शुभारंभ, तैयारियां पूरी
पेयजल योजना के निर्माण में देरी को लेकर ग्रामीणों का हल्ला बोल
श्याम मित्र मंडल के तत्वावधान में आयोजित खाटू श्याम गुणगान महोत्सव संपन्न