April 24, 2025

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पीजी कॉलेज लोहाघाट भूगोल के छात्र-छात्राओं ने नानकमत्ता- सितारगंज (सिडकुल) का शैक्षिक भ्रमण किया

चंपावत। लोहाघाट
भूगोल विभाग द्वारा नानकमत्ता- सितारगंज (सिडकुल) का शैक्षिक भ्रमण किया
भूगोल विभाग द्वारा स्नातकोत्तर कक्षाओं के पाठ्यक्रमानुसार आयोजित दो दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण में कुल 17 छात्र-छात्राओं ने नानकमत्ता (उधम सिंह नगर) के नानक सागर एवं नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारा तथा सितारगंज फेज-II में स्थित उत्तराखंड राज्य अवसंरचना एवं औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (सिडकुल) (एकीकृत औद्योगिक इस्टेट) में प्रतिभा किया।
शैक्षणिक भ्रमण के प्रथम दिवस में छात्र-छात्राओं द्वारा नानक सागर का अवलोकन किया गया और उसका भौगोलिक आर्थिक एवं पर्यटन की दृष्टि से मूल्यांकन किया गया उसके पश्चात ऐतिहासिक शहर नानकमत्ता में अवस्थित श्री नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारा के दर्शन के उपरांत वहां स्थित अमृत सरोवर एवं अजायबघर का भी भ्रमण किया गया। नानकमत्ता शहर के यातायात, भूमि – उपयोग, तथा आवासीय प्रतिरूप को भी सदांता सघनता से समझाया गया।
शिविर के दूसरे दिन सितारगंज (सिडकुल) फेज II में स्थित – ऑर्किड पैनल नमक निजी संस्था में प्लाईवुड विनिर्माण की प्रक्रिया को गहनता से देखा एवं समझा गया। संस्थान के विशेषज्ञों द्वारा यूकेलिप्टस की लकड़ी से सुंदर टिकाऊ एवं लैमिनेटेड प्लाइवुड बनाने की संपूर्ण प्रक्रिया को बारीकी से समझाया गया। संस्थान के विशाल परिदृश्य एवं आधुनिक मशीनें देखी। छात्र छात्रों के प्रश्नों एवं जिज्ञासाओं को विशेषज्ञों की टीम द्वारा समझाया गया। साथ ही निजी क्षेत्रॊं में भी उद्यमशीलता, रोजगार की अपार संभावनाओं एवं आर्थिक विकास में योगदान पर भी वक्तव्य दिया गया। ऑर्किड पैनल के प्लांट प्रमुख श्री दिनेश कुमार मालू, पी०आर०ओ० संजय सिंह डसीला एवं समस्त विशेषज्ञों एवं कर्मचारियों ने विशेष सहयोग प्रदान किया।
शैक्षणिक भ्रमण शिविर की समन्वयक भूगोल विभाग प्रभारी डॉ० लता कैड़ा रही, सहायक प्राध्यापक उपेंद्र सिंह चौहान, शोध छात्र नवीन राय शिविर का हिस्सा रहे। विभाग के सदस्यों के निर्देशन में शैक्षणिक भ्रमण की उपयोगिता एवं महत्व को समझाया गया तथा नानकमत्ता – सितारगंज क्षेत्र में पर्यटन, कृषि, उद्योग, पशुपालन, परिवहन, संचार आदि का क्षेत्र के समग्र विकास पर प्रभाव पर भी विस्तृत चर्चा की गई। विभाग की प्राध्यापिका डॉ० सुमन पांडे पांडे का भी विशेष सहयोग रहा।
शिविर के अंत में क्षेत्र की औद्योगिक अवसंरचना, यातायात एवं संचार जैसे विषयों पर गहन चर्चा की गई और शिविर की सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार करने के मुख्य बिंदु समझे गए।
शैक्षिक भ्रमण को सफलतापूर्वक संचालन करने के उपरांत लौटे विभाग के सदस्यों एवं छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ० संगीता गुप्ता ने प्रसन्नता व्यक्त की एवं भूगोल विषय की व्यवहारिकता पर विचार व्यक्त किऎ।

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