April 24, 2025

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समय पर पूरा होता ऑल वेदर रोड का काम, तो नही रुकते सड़क पर पहिये

चंपावत। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन ऑल वेदर रोड का कार्य नवंबर 2019 में पूरा होना था, लेकिन इसके 19 महीने बाद भी सड़क का काम अधूरा पड़ा है। काम पूरा नहीं होने का परिणाम यह रहा कि मानसून के शुरू होने से ठीक पहले ही ये सड़क मई से सात बार बंद हो चुकी है। बारिश के मद्देनजर इस मार्ग पर 30 जगह ऐसी है जो कि खतरनाक बनी है। इससे आवाजाही में ही अवरोध नहीं हो रहा है, बल्कि हादसों की भी आशंका भी बढ़ रही है। महज तीन दिन में दो स्थानों (स्वांला और झालाकुड़ी) पर दो वाहन बोल्डर या मलबे की चपेट में आने से बाल-बाल बचे हैं।
1556 करोड़ रुपये से बन रही 136 किमी लंबी ऑल वेदर रोड में चार पैकेज के तहत नवंबर 2017 से शुरू हुए काम को नवंबर 2019 में पूरा बनकर तैयार होना था।
परंतु काम तय समय पर पूरा नहीं हुआ, तो इसे बढ़ाकर मार्च 2020 किया गया। फिर ये सिलसिला दिसंबर 2020, फरवरी 2021 और मई 2021 तक जा पहुंचा। फिर भी काम अधूरा रहा, तो अब इसे पूरा करने के लिए सितंबर 2021 तक का आग्रह किया गया है।

एनएच खंड के ईई एलडी मथेला का कहना है कि ऑल वेदर रोड का काम मई में पूरा होना था, लेकिन कंपनियों ने कोरोना और अन्य कारणों से समयावधि बढ़ाने का आग्रह कर सितंबर 2021 तक की मोहलत मांगी है। समय सीमा बढ़ाने का पत्र सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय को भेजा जा रहा है।

बारहमासी सड़क के पैकेज
1. टनकपुर-बेलखेत (40 किमी)
2. बेलखेत-चंपावत (38 किमी)
3. चंपावत-च्यूरानी (27 किमी)
4. च्यूरानी-पिथौरागढ़ (31 किमी)

प्रशासन की पहली प्राथमिकता जन क्षति न हो, इसे सुनिश्चित करना है। इसके लिए सभी संवेदनशील स्थानों को चिह्नित कर बचाव के उपाय किए जा रहे हैं। साथ ही अति संवेदनशील जगहों पर 30 जेसीबी, पोकलैंड और अन्य मशीनें रखने के निर्देश दिए गए हैं।
– विनीत तोमर, डीएम, चंपावत।

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