
शुक्रवार को केंद्र प्रभारी अधिकारी डॉ. दीपाली तिवारी पांडेय ने जय गोपाल केंचुआ यूनिट का शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों ने रसायनिक उर्वरकों और कीटनाशक का प्रयोग कर फसलों का उत्पादन तो बढाया, लेकिन मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम कर दी। जिससे फसलों के लिए जरुरी लाभदायक जीवाणु भी नष्ट हो गए। उन्होने बताया कि भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली ने मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढाने के लिए नई तकनीक इजाद की है, जिससे 60 दिनों में केंचुआ खाद बना देती है। उन्होंने बताया कि इसकी यूनिट केन्द्र में भी लगा दी है और भविष्य में जिले के किसानों को निशुल्क केंचुए उपलब्ध कराए जाएंगे। कार्यक्रम सहायक फकीर चंद ने बताया कि इस केंचुए की प्रजाति हमारे देश की जलवायु के अनुकुल है जो दो डिग्री सेल्सियस से 46 डिग्री सेल्सियस तापमान पर जीवित रहकर जैविक खाद बनाएगी। उन्होंने बताया कि इस प्रजाति के केंचुओं में 67 प्रतिशत प्रोटीन तथा सभी आवश्यक एमीनो एसिड उपलब्ध होते है। इस मौके पर डॉ. सचिन पंत, डॉ. रजनी पंत, डॉ. पूजा पांडेय, गायत्री देवी, यूके दिवाकर, वीपी धौनी मौजूद रहे।
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