जन समस्याओं को लटकाने ,टरकाने वाले अधिकारियों को बदलनी होगी अपनी कार्य संस्कृति- जिला अधिकारी
जिला स्तरीय तहसील दिवस में डीएम ने समस्याओं के निस्तारण के लिए खींची लक्ष्मण रेखा।
लोहाघाट। यहां आयोजित जिला स्तरीय तहसील दिवस में अधिकारियों के दावे एवं ग्रामीणों द्वारा उठाई गई धरातलीय स्थिति में काफी विरोधाभास देखने को मिला। जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने तहसील दिवस की अध्यक्षता करते हुए इस प्रकार की मनोवृत्ति को गंभीर बताया । उन्होंने जल निगम, जल संस्थान, लघु सिंचाई आदि विभागों के अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए उन्हें कार्य संस्कृति बदलने की सलाह दी । उनका कहना था कि सरकार द्वारा जन अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए हर स्तर पर प्रयास किया जा रहे हैं । यदि लोगों का अधिकारियों पर विश्वास ही नहीं होगा तो इससे एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पैदा होगी। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तहसील दिवस में 32 समस्याएं दर्ज हुई ,जिसमें पेयजल समस्या छाई रही । बंदरों से लोगों को निजात दिलाने के लिए बंदर वाडा में उनका ऑपरेशन किए जाने की आवश्यकता बताई गई । एसडीओ नेहा चौधरी ने बताया कि अब विभाग के पास बंदर जैसे वन्यजीवों को पकड़ने तथा सांप आदि को रेस्क्यू करने के उपकरण आ गए हैं। बाझ पशुओं को दुधारू बनाने के साथ अब बगैर पशु पालन विभाग के अनुज्ञा पत्र के पशुओं को ट्रांसपोर्ट नहीं किया जा सकेगा । उन्होंने पशु चारे को लेकर सहकारिता एवम् पशु पालन विभाग के बीच समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया । ग्राम प्रधान प्रशासक एडवोकेट भुवन चौबे ने लोहाघाट स्थित कृषि विज्ञान केंद्र को पंतनगर विश्वविद्यालय से हटाकर उसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद आईसीएआर की अल्मोड़ा शाखा को सोपने की मांग की। उनका कहना था कि यहां पंतनगर विश्वविद्यालय प्रशासन की मनमानी के चलते कोई काम करने वाले अधिकारी नहीं आते हैं । सभी की चाह यह होती है कि कुछ दिन यहां मुंह दिखाकर शेष दिन पंतनगर में ही गुजारे जाएं। वहा के अधिकारियों के रवैये से परेशान होकर ही अब हम इस केंद्र को अल्मोड़ा स्थित आईसीएआर की शाखा के अधीन लाना चाहते हैं। डीएम ने इस समस्या को वास्तविक बताते हुए इसकी प्रक्रिया शुरू करने की बात कहीं । वही जिले में मौनपालन को बढ़ावा देने के लिए यहां ज्यलीकोट की तर्ज पर जिले में ही मौनपालन को बढ़ावा देने के मौन प्रशिक्षकों की नियुक्ति करने की भी मांग की गई । जिलाधिकारी ने इस संबंध में कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी को संबंधित विभागों से सम्पर्क स्थापित कर इसे कुटीर उद्योग के रूप में संचालित करने के निर्देश दिए। छमनिया तोक में पेय जल से परेशान लोगों को सुई पंपिंग योजना से 21मई तक जलापूर्ति करने का निर्देश दिया । उन्होंने न्योलटुकड़ा, बस्कुनी पेयजल योजना के लिये धन स्वीकृत करने के बाबजूद अपनी गहरी नाराजगी जताई तथा शीघ्र कार्य शुरू करने का निर्देश दिया ।
पासम -बलोटा सड़क आपदाग्रस्त है। विभाग द्वारा अभी तक कोई कार्य नहीं किए गए हैं । नगरूघाट में लघु सिंचाई योजना के लिए विभाग को पहले ही धनराशि देने के बाद उसे दबाए रखने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई। उन्होंने सिंचाई के लिए की बोरिंग किए जाने के बाबजूद उसे चालू नहीं किया गया है। यहां आपदा से हुए भूमि कटाव को रोकने के लिए भूमि संरक्षण के कार्य किए जाएंगे । मटियानी- नकेला ध्वस्त सिंचाई योजना को जिला योजना में शामिल किया जाएगा।बैठक में सभासद आशीष राय ने लोहावती नदी को सारा मे शामिल करने दुर्लभ प्रजाति के देवदार के वृक्षों को सूखने से बचाने एवं देवदार बनी के अंदर कूड़े के ढेर हटाने की मांग की गई। जिलाधिकारी ने इस समस्या को ज्वलंत बताते हुए कहा कि इन स्थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, जिसका नियंत्रण पुलिस द्वारा किया जाएगा । यहां नगर पालिका, राय नगर चौड़ी ,वन विभाग एवं जिला पंचायत द्वारा संयुक्त रूप से स्वच्छता अभियान चला कर पूरे परिसर को साफ सुथरा किया जाएगा। जिलाधिकारी ने लोहाघाट नगर के गंदे नलो को बाईपास कर उस पानी को दूर निस्तारित करने का निर्देश दिया। तीन घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि कार्यों को पूरा करने के लिए जो समय निर्धारित किया गया है, उन्हें हर हालत में पूरा किया जाए । उप जिलाधिकारी लोहाघाट द्वारा प्रत्येक सप्ताह संबंधित अधिकारियो की बैठक आयोजित कर प्रगति समीक्षा की जाएगी । जिलाधिकारी का यह भी कहना था कि आम लोगों से सीधा संवाद किए जाने से गांव की वास्तविक तस्वीर सामने आई है। जबकि कुछ विभागों में ऐसी कार्यशैली सामने आई है ,जिसमें कार्यों को लटकाने, टरकाने की प्रवृत्ति के कारण ग्रामीणों को योजना का कोई लाभ नहीं मिल रहा है ।बैठक में सीडीओ संजय कुमार, एसडीएम नितेश डांगर, सीएमओ डॉक्टर देवेश चौहान , बीएलओ डॉक्टर वसुंधरा ,एपीडी बिम्मी जोशी, ब्लॉक प्रमुख नेहा ढेक नगर पालिका के अध्यक्ष गोविंद वर्मा, वीडियो अशोक अधिकारी समेत विभिन्न विभागों के जिला अध्यक्ष व ग्रामीण मौजूद थे ।
फोटो – जिला स्तरीय तहसील दिवस में जिला स्तरीय अधिकारी एवं फरियादी।
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