उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने सरकार की नजूल भूमि पर अवैध कब्जेधारियों को राज्य सरकार द्वारा फ्री होल्ड किए जाने के मामले में सुनवाई करते हुए जनहित याचिका का क्षेत्र राज्यभर करते हुए सरकार से इस मामले में छः सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खण्डपीठ ने अगली सुनवाई छः सप्ताह बाद के लिए तय की है।
मामले के अनुसार, उत्तरकाशी के बड़कोट निवासी विनोद सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश में राज्य सरकार की नजूल भूमि पर बाहरी लोग राज्य के सरकारी अफसरों के साथ मिलकर भूमि अपने नाम दर्ज करा रहे हैं। जबकि हकीकत यह है कि वर्षों से इस भूमि की देखभाल, स्थानीय लोग करते आ रहे हैं, जिनके हित में अबतक इस भूमि की फ्री होल्ड नहीं कराई गई।
ऐसा ही एक मामला उत्तरकाशी के बड़कोट का है जहां राज्य सरकार ने एक ही व्यक्ति को नजूल भूमि का आवंटन किया है। याचिकाकर्ता ने 0.220 हैक्टेयर भूमि में एक आलीशान होटल बनाया है, जिसकी अनुमति प्रशासन के अधिकारियों के माध्यम से दी। जनहित याचिका में न्यायालय से प्रार्थना की गई है कि सरकार की नजूल भूमि को अतिक्रमणकारियों को न बांटा जाय और इसपर रोक लगाई जाए।
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से प्रदेशभर की नजूल भूमि के फ्री होल्ड पर जवाब तलब

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