बाजी बाजी रे मुरलिया कहीं जमुना किनारे……………
लोहाघाट (चंपावत)। विकास खंड लोहाघाट के दूरस्थ नेपाल सीमा से लगे जिंडी गांव में बैठकी होली का आयोजन किया गया। देर रात तक चली बैठकी होली में होल्यारों ने विभिन्न राग एवं फागों में शानदार होली का गायन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। खिलानंद कलौनी के आवास में गणपति को भज लीजै रसिक वो तो आदि कहावे होली से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। होल्यार वासुदेव ने राग काफी में आयो नवल बसंत सखी ऋतु राज कहायो गीत की मनमोहक प्रस्तुति दी। होल्यार गुमान गिरी ने बड़ी दूर नगरी कैसे आऊं मैं कन्हैया तेरी गोकुल नगरी, कुंदन सिंह ने राग जंगला काफी में बाजी बाजी रे मुरलिया कहीं जमुना किनारे, मदन कलौनी ने राग जंगला काफी में तेरे बिन श्याम हमारो नहीं कोई, ईश्वर गिरी ने कहां जाओगे बांके बिहारी होली होगी हमारी तुम्हारी की प्रस्तुति देकर समां बांध दिया। ढोलक में संगत राकेश सिंह ने दी। देर रात तक चली होली महफिल में होल्यारों की बेहतरीन प्रस्तुतियों को सुनने के लिए श्रोता देर रात तक जमे रहे।
नेपाल सीमा से लगे जिंडी गांव में बैठकी होली की धूम

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